BSNL-TIRTC: Ericsson, Cisco & Nokia साथ 5G-AI भारत की तरक्की

BSNL और वैश्विक टैक कंपनियों का साझेदारी कार्यक्रम

1. BSNL TIRTC Jabalpur Collaboration with Ericsson

भारत आज अपनी डिजिटल यात्रा के एक अहम मोड़ पर है, जहां कनेक्टिविटी आर्थिक विकास, समाज को मज़बूत बनाने और नए अवसर देने का बड़ा जरिया बन गई है। इसी सोच के साथ BSNL ने भविष्य के लिए टेलीकॉम सेक्टर को तैयार करने की एक नई पहल शुरू की है। दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों Ericsson, Qualcomm, Cisco Systems और Nokia के साथ मिलकर BSNL का मकसद देश के युवाओं को आधुनिक और भविष्य की तकनीक से जुड़े स्किल देना और भारत की टेलीकॉम क्षमता को और बेहतर बनाना है।

इन चारों कंपनियों ने मिलकर मध्य प्रदेश के जबलपुर में BSNL के बड़े संस्थान भारत रत्न भीमराव अंबेडकर टेलीकॉम ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (BRTTI) में ट्रेनिंग सेंटर बनाए हैं। यह पहल राष्ट्रीय टेलीकॉम इनोवेशन, रिसर्च और ट्रेनिंग सेंटर (TIRTC) बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इसका लक्ष्य है कि यहां 5G, 6G, AI और साइबर सिक्योरिटी जैसी नई तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा सके और यह एक ग्लोबल ट्रेनिंग सेंटर बने।

Ericsson यहां एक 5G सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगा, जहां ऑनलाइन मॉड्यूल और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग मिलेगी। इससे छात्रों को BSNL के मज़बूत टेलीकॉम नेटवर्क और इंटरनेशनल लेवल की टेक्निक सीखने का मौका मिलेगा। Qualcomm 5G और AI पर कोर्स कराएगा, इंटर्नशिप देगा और पहले 100 छात्रों की ट्रेनिंग को स्पॉन्सर करेगा। इससे स्टूडेंट्स को नौकरी के नए मौके मिलेंगे और हाई-टेक सेक्टर में करियर का रास्ता खुलेगा।

Cisco अपनी मशहूर नेटवर्किंग अकादमी को भारत में और बढ़ाएगा ताकि देशभर के छात्रों को नेटवर्किंग और साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग मिल सके। यह एनजीओ के साथ मिलकर काम करेगा ताकि छोटे शहरों और गांवों में भी छात्रों को इंडस्ट्री-लेवल की स्किल मिल सके। Nokia यहां 5G और AI-ML की लैब बनाएगा और BSNL के साथ मिलकर ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन देगा। इससे छात्रों को कोर नेटवर्क और नई टेलीकॉम एप्लिकेशन सीखने का मौका मिलेगा।

यहां कोर्स छोटे (2 हफ्ते के) और लंबे (84 घंटे के) होंगे, ताकि छात्र, नौकरी करने वाले और सरकारी कर्मचारी सभी इसका फायदा ले सकें। सिर्फ स्किल डेवलपमेंट ही नहीं, बल्कि यह पहल इनोवेशन, प्रोटोटाइप बनाने और टेलीकॉम स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी। यानी स्टूडेंट्स सिर्फ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ही नहीं करेंगे, बल्कि उसे बनाने वाले भी बनेंगे।

इससे लोकल इकॉनमी, खासकर मध्य प्रदेश में, नई नौकरियों के कारण मज़बूत होगी और भारत को ऐसा वर्कफोर्स मिलेगा जो दुनिया से मुकाबला कर सके। आम लोगों को बेहतर नेटवर्क, नए टेलीकॉम सॉल्यूशन और अगली पीढ़ी की सर्विसेज़ जल्दी मिलेंगी।

भारत अब सिर्फ "Make in India" अपने लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी कर रहा है। Digital India, Skill India, Make in India और Startup India जैसी पहलों के साथ यह सहयोग भारत को टेलीकॉम इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बना रहा है। इससे "आत्मनिर्भर भारत" को भी ताकत मिलेगी, जैसा कि BSNL ने 18 साल बाद लगातार तिमाही प्रॉफिट कमाकर दिखाया है।

सस्ता ब्रॉडबैंड देना, UPI से डिजिटल पेमेंट आसान बनाना और गवर्नेंस में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना – ये सब अब दुनिया के लिए केस स्टडी बन गए हैं। 5G, AI, IoT और साइबर सिक्योरिटी से चलने वाली डिजिटल ग्रोथ की अगली लहर भारत को सिर्फ एक प्लेयर नहीं, बल्कि ग्लोबल बेंचमार्क बनाने वाला और इनोवेशन को आगे बढ़ाने वाला लीडर बनाएगी।

Previous
Next Post »